सिर्फ BMI को मोटापे नापने का सटीक पैमाना मानना सही नहीं, इन चीजों पर भी रखनी चाहिए नजर: स्टडी


इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कमर की माप का पता लगाने के लिए कमर से कूल्हे की अनुपात और दूसरे तरीके का भी इस्तेमाल करना चाहिए.

इस स्टडी के राइटर का कहना है कि वर्तमान में BMI को स्वास्थ्य और बीमारी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन यह हमेशा सही तस्वीर पेश करें यह सही नहीं है. इसके कारण जो लोग सच में इस मोटापे रूपी बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

यूरीपयन लोग 30 से अधिक BMI को मोटापा मान लेते हैं. लेकिन अलग-अलग देशों में बीएमआई के मानक अलग-अलग होने चाहिए क्योंकि जातीय और क्षेत्रीय के आधार पर मोटापे का खतरा बदल सकता है.

अलग-अलग देश के मानक एक-दूसरे अलग रहना चाहिए. जिसमें भारत के भारत के विशेषज्ञ भी शामिल हैं. लैसेंट रिपोर्ट में पब्लिश जर्नल के मुताबिक ऑल इंडियन एसोसिएशन फॉर एडवांसिंग रिसर्च इन ओबेसिटी (AIAARO) ने 75 से अधिक संगठनों का समर्थन किया है.

रिपोर्ट में मोटापे के डायग्नोसिस के लिए दो नई कैटेगरी पेश की गई हैं. क्लीनिकल मोटापा- यह तब होता है जब मोटापे के कारण शरीर के दूसरे ऑर्गन ठीक से काम नहीं करते हैं.

वहीं दूसरी होती है प्री-क्लीनिकल मोटापा ऐसी स्थिति तब होती है. जब व्यक्ति के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ता है. लेकिन अभी कोई बीमारी सामने नहीं आई आती. लेकिन इसकी कुछ गलती की वजह से इंसान बीमार जरूर हो सकता है.
Published at : 15 Jan 2025 06:01 PM (IST)
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