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सनातन धर्म में 4 रातें होती हैं सबसे पवित्र, क्या आप जानते हैं इनका महत्व?

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आमतौर पर होने वाली रातें जो सिर्फ रात्रि ही कहलाती हैं, लेकिन जो विशेष रात्रि होती हैं उसे महारात्रि कहा जाता है. ऐसे में सनातन धर्म में चार महारात्रि का विशेष महत्व होता है जिसका वर्णन शास्त्रों में किया गया ह…और पढ़ें

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डॉक्टर

डॉक्टर कुणाल कुमार झा

हाइलाइट्स

  • चार विशेष रात्रियों का शास्त्रों में वर्णन है.
  • कालरात्रि, महारात्रि, नवरात्रि और दारुण रात्रि महत्वपूर्ण हैं.
  • दारुण रात्रि होलिका दहन की रात होती है.

दरभंगा. अमूमन लोग जो सनातनी हैं उन्हें पता होता है कि एक कालरात्रि होती है दूसरी महरात्रि जिसे शिवरात्रि भी कहते हैं, तीसरा नवरात्रि होती है लेकिन चौथी दारुण रात्रि होती है ये बहुत ही कम लोग जानते हैं.

इन चारों महरात्रि का क्या महत्व होता है इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कुणाल कुमार झा बताते हैं कि पूरे साल में चार प्रकार की रात्रि होती है खासकर के कालरात्रि, महारात्रि, नवरात्रि और दारुण रात्रि इन चार प्रकार के रात्रियों का शास्त्र में विवेचन किया गया है. कालरात्रि मतलब जिस दिन काली माता का प्रादुर्भाव हुआ है जो दीपावली के रात्रि को कहते हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम लंका पर विजय प्राप्त कर रावण का वध किए थे. अंधकार से प्रकाश की ओर उजाला भी इसे कहते हैं और पाप को नष्ट करके पुण्य का उदय इस दिन हुआ जिसे कालरात्रि कहा गया है.

महाशिवरात्रि किसे कहते हैं
दो रात्रियों को मिलाकर महरात्रि बनती है. एक नवरात्रि में जगदंबा की महानिशा पूजा की जाती है, एक रात्रि को महारात्रि नाम से जाना जाता है, दूसरी महाशिवरात्रि जिस दिन गौरी शंकर का विवाह संपन्न हुआ था इसलिए इस रात्रि को महारात्रि शब्द से जाना जाता है, इसलिए इस दिन को लोग महाशिवरात्रि भी कहते है.

किसे कहते हैं दारुण रात
अब मोह रात्रि कंस का अत्याचार दिन व दिन इतना बढ़ रहा था जो उसके प्रभाव को कम करने के लिए खुद विष्णु को आना पड़ा, एक मोहिनी एकादशी होती है उस रात को भी मोह रात्रि कहा गया है लेकिन वास्तविक रूप से मोह रात्रि कृष्ण अष्टमी की रात होती है. अष्टमी रोहिणी युक्त जो होता है जिस दिन भगवान श्री कृष्ण का प्रादुर्भाव हुआ उस रात को मोह रात्रि कहा जाता है. अब रही बात दारुण रात की तो दारुण रात्रि होलिका दहन अनादि काल से होती आ रही है जो होलिका दहन की रात होती है उसे ही दारुण रात कहते हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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