लाल नहीं… बोकारो के इस किसान ने की पीले तरबूज की खेती, हर सीजन होती है….

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Yellow WaterMelon Farming: एक मजदूर से किसान बने शख्स ने 50 डिसमिल में खरबूज की खेती शुरू कर तीन गुना मुनाफा कमाया. उनका प्रयास और मेहनत दर्शाता है कि सही कृषि तकनीक अपनाकर सीमित भूमि पर भी जबरदस्त मुनाफा कमाया…और पढ़ें

पिला खरबूज कि खेती करता बोकारो का किसान
हाइलाइट्स
- हीरालाल महतो ने 50 डिसमिल में पीले खरबूज की खेती शुरू की.
- मल्चिंग और ड्रिप इरीगेशन तकनीक से खेती की.
- हर सीजन में 35 से 60 हजार रुपए की कमाई होती है.
बोकारो. बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड के तारानारी गांव के किसान हीरालाल महतो ने अपने हौसले और मेहनत से खेती की एक नई मिसाल कायम की है. कभी मजदूरी करने वाले हीरालाल आज 50 डिसमिल जमीन में पीला खरबूज उगाकर तीन गुना मुनाफा कमा रहे हैं.
लोकल 18 से खास बातचीत में किसान हीरालाल महतो ने बताया कि इससे पहले वह दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे, लेकिन 2016 में आसपास के किसानों को देखकर खेती करने का निर्णय लिया और अपने पूर्वजों के जमीन पर सब्जियों के अलावा मौसमी फलों और नकदी फसल कि खेती शुरू की और आज वह खरबूज की खेती से अच्छी आमदनी कामा कर रहे हैं.
किसान हीरालाल ने आगे बताया कि उन्होंने 22 जनवरी को पीला खरबूज की बुवाई की थी. यह फसल 90 दिनों में तैयार हो जाती है और मार्च के आखिर हफ्ते तक तोड़ाई के लिए तैयार हो जाएगी और इस खेती के लिए उन्होंने मल्चिंग और ड्रिप इरीगेशन तकनीक का उपयोग किया है, जिससे पानी की बचत के साथ-साथ खरबूज की गुणवत्ता भी बेहतरीन बनी रहती है. वहीं 50 डिसमिल क्षेत्रफल में पहली तोड़ाई में लगभग 30 क्विंटल खरबूज का उत्पादन हो जाता है. ये खरबूज स्वाद में बेहद मीठे होते हैं और इनकी मांग बाजार में अच्छी रहती है.
वहीं तोड़ाई के बाद वह खरबूज को बोकारो के बहुत तेलो मंडी और गोमो मंडी में बेचते हैं और 50 डिसमिल के खरबुज के खेती करने में कुल लागत लगभग 10 से 15 हजार रुपए आती है, जबकि अप्रैल-मई के सीजन में खरबूज की थोक कीमत 30 से 50 रुपए प्रति किलो रहती ह. इस तरह, पुरे सीजन में किसान 35 से 60 हजार रुपए तक की कमाई कर सकते हैं .
आखिर में किसान हीरालाल नेसलाह दी है कि अगर किसान लगन और आधुनिक खेती का उपयोग करें, तो वह छोटे क्षेत्र में भी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकता है,
Bokaro,Jharkhand
March 15, 2025, 11:50 IST
