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महज एक कॉल पर मिलेगी पूरी जानकारी, AES कंट्रोल रूम के इन नंबरों पर करें कॉल

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Muzaffarpur AES News: मुजफ्फरपुर में बढ़ती गर्मी के साथ AES (एईएस) का खतरा बढ़ रहा है, लेकिन बीते अनुभवों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में AES नियंत्रण कक्…और पढ़ें

महज एक कॉल पर मिलेगी पूरी जानकारी, AES कंट्रोल रूम के इन नंबरों पर करें कॉल

मुजफ्फरपुर में AES के खतरे को देखकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभागने AES नियंत्रण कक्ष बनाया है.

हाइलाइट्स

  • बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में AES का खतरा बढ़ गया.
  • मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर.
  • मुजफ्परपुर सदर अस्पताल में AES नियंत्रण कक्ष बनाया गया.

मुजफ्फरपुर/प्रियांक सौरभ. बढ़ती गर्मी के साथ AES का खतरा बढ़ने लगा है, वहीं इसको लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है. AES के मामले में सुविधाओं के लिए सदर अस्पताल परिसर में AES नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. जहां टॉल फ्री नंबर पर कॉल करके AES से जुडी जानकारी ले सकते हैं. इसके साथ ही अगर एम्बुलेंस नहीं मिले तो उसकी व्यवस्था भी यहां से की जाती है. ये नंबर 24×7 खुले रहते हैं. आगे नंबर दिये गए हैं.

मुजफ्परपुर सदर अस्पताल के AES Control Room का टॉल फ्री नंबर-18003456629 है. इसके साथ 0621-2266056, 0621-2266055 पर भी कॉल कर सकते हैं.बता दें कि मुजफ्फरपुर में इस साल अबतक 7 मरीजों में AES की पहचान हुई, हालांकि सभी ठीक होकर घर जा चुके हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन अलर्ट मोड में हैं और एहतियात बरत रहा है. जिले में अधिकारी विभिन्न गांवों में संध्या चौपाल लगा रहे हैं, वहीं लोगों को AES को लेकर जागरूक किया जा रहा है.

मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में एईएस कंट्रोल रूम का टॉल फ्री नंबर.

एईएएस में दिखते हैं ये लक्षण
बता दें कि AES (एईएस) एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) मस्तिष्क में विशेष तरह के सूजन वाले न्यूरोलॉजिकल डिजीज के एक समूह को के बारे में बताता है. यह मुख्य रूप से बच्चों और युवाओं को प्रभावित करता है, जिससे मृत्यु तक हो जाती है. जागरूकता और सही जांच से एईएस के कारणों की पहचान कर पाना बेहद महत्वपूर्ण होता है. एईएस के लक्षण खास लक्षण होते हैं जो आगे दिये गए हैं. एईएस बीमारी में सिरदर्द, असामान्य एक्टिविटी और व्यक्तित्व में बदलाव, उल्टी करना, सेंस में कमी, शरीर पर चकत्ते, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, मेमोरी लॉस जैसी बातें इंगित होती हैं.

एईएस बीमारी और बचाव के उपाय
वहीं एईएस के कारण वायरल एन्सेफ़ेलाइटिस, लेप्टोस्पायरोसिस, टोक्सोप्लाज़मोसिस जैसी बीमारियां होती हैं. हालांकि, इसके बचने के उपाय भी हैं और इसका खास ध्यान रखना चाहिये. जैसे-बीमारी से ग्रस्त लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए और खाने-पीने की चीजों को साझा नहीं करना चाहिए.वैक्सीन लगवाना और बच्चों को मच्छरों से बचाने के लिए क्रीम और स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए. शुद्ध पानी का इस्तेमाल करें और जल जमाव न होने दें. साथ ही खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए, यानी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिये.

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