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भारत के हथियार से चीन को आंख दिखाएगा ये मुस्लिम देश, ड्रैगन की दादागिरी खत्म

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India BrahMos Missile: ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड माक 2.8 से 3.0 तक होती है, जो इसे ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना तेज बनाती है. यह मिसाइल समुद्र, जमीन, वायु और उपग्रह से लॉन्च की जा सकती है. यानी यह मिसाइल कई प्रकार के…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • भारत इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल बेचेगा. यह 400 मिलियन डॉलर का सौदा है
  • अचूक माने जाने वाले ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है.
  • यह सौदा भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा.

नई दिल्ली. वो दिन दूर नहीं जब एशिया में चीन इस काबिल नहीं रह जाएगा कि वो अपने से छोटे देशों को धमकी दे सके. और इसके लिए भारत पुरजोर कोशिश कर रहा है. वह अपने अचूक हथियार ऐसे देशों को सौंप रहा है, जिससे एशिया में ना सिर्फ भारत का वर्चस्व बढ़ेगा, बल्कि शी जिनपिंग की दादागिरी भी खत्म हो जाएगी.

भारत और इंडोनेशिया $450 मिलियन की ‘ब्रह्मोस मिसाइल’ डील को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं, जो राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की नई दिल्ली यात्रा से पहले हो सकती है. रक्षा सूत्रों ने न्यूज़18 को बताया कि नई दिल्ली और जकार्ता इस मिलियन डॉलर की डील को अंतिम रूप देने के लिए सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं. यह समझौता ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित मिसाइलों के लिए है, जो भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ माशिनोस्त्रोयेनीया के बीच एक ज्वॉइंट वेंचर है.

इस बड़े रक्षा सौदे के लिए, नई दिल्ली जकार्ता को कर्ज देने की पेशकश कर रही है, जिसे अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. सूत्रों ने बताया कि इस डेवलपमेंट ने सौदे को निपटाने के लिए रुपये-रुपिया लेनदेन का रास्ता खोल दिया है. फर्स्ट पोस्ट की एक रिपोर्ट की मानें, तो सौदे की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि एक बार सौदे को अंतिम रूप दे दिए जाने के बाद, और “यदि सभी पहलू योजना के अनुसार चलते हैं, तो भारत के गणतंत्र दिवस 2025 के दौरान एक घोषणा की जा सकती है.”

यदि यह सौदा अंतिम रूप लेता है, तो इंडोनेशिया फिलीपींस के बाद ब्रह्मोस मिसाइल प्राप्त करने वाला दूसरा एशियन देश बन जाएगा. यह रक्षा हथियार, जो अपनी गति और सटीकता के लिए जाना जाता है, इंडोनेशिया की तटीय और समुद्री रक्षा क्षमताओं को काफी बढ़ा देगा. यह सौदा, जो कुछ समय से काम में है, पिछले महीने भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान चर्चा में आया था.

एक पोस्ट में, इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री स्जाफ्री स्जामसोद्दिन ने कहा था, “एडवांस टेक्नोलॉजी सहयोग, जैसे ब्रह्मोस, को भी उजागर किया गया, जिससे इंडोनेशिया के लिए सीखने और बढ़ने के अवसर सामने आए.” रक्षा सूत्रों के अनुसार, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो को 76वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. एक मार्चिंग दल, साथ ही एक हवाई प्रदर्शन के भी भव्य समारोह में भाग लेने की उम्मीद है. नई दिल्ली और जकार्ता 2018 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर करने के बाद से रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं. दोनों देशों ने उस वर्ष से द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास – समुद्र शक्ति – में भाग लिया है.

ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत की बात करें, तो यह बेहद सटीक है और इसका डायरेक्शन सिस्टम इसे बहुत कम दूरी पर भी अपने लक्ष्य को पूरी तरह से निशाना बनाने में सक्षम बनाती है. इसकी रेंज लगभग 300 किलोमीटर तक होती है, जिससे यह दुश्मन के क्षेत्र में काफी अंदर तक घुसकर प्रभावी रूप से हमला कर सकती है. ब्रह्मोस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कि यह कम ईंधन में अधिक दूरी तय कर सकती है, जिससे इसकी ऑपरेशनल पावर बढ़ती है.

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