प्रेमानंद को देखते ही टूट पड़ते हैं लोग, मथुरा की सड़कों पर होता है ऐसा माहौल

Agency:News18 Uttar Pradesh
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Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज करीब रात 2:00 बजे परिक्रमा के लिए निकलते हैं. जब वह रास्ते से अपने केलिकुंज के लिए निकलते हैं तो उनके दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ खड़ी रहती है…

एक ईश्वर यह शक्ति के श्री चरणों की धूल लेने से लोगों को मुक्ति मिलेगी
मथुरा: विश्व विख्यात संत प्रेमानंद महाराज हर रात 2:00 बजे पैदल यात्रा पर निकलते हैं. प्रेमानंद जब यात्रा पर निकलते हैं तो उनके दर्शन के लिए सड़क किनारे भारी संख्या में लोग उनके दर्शन के लिए खड़े रहते हैं. उन्हें पसंद करने वाले लोग उनके चरणों की धूल लेकर अपने माथे पर लगाते हैं. यही सिलसिला हर दिन और रात चलता रहता है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए मथुरा पहुंचते हैं. दर्शन पाने वाले लोग अपने आपको धन्य मानते हैं.
वृंदावन के राधा केलिकुंज के महंत प्रेमानंद हर दिन पैदल यात्रा करते हैं. पैदल यात्रा पर जब प्रेमानंद महाराज निकलते हैं तो लोग उनके दर्शन पाते हैं. राधा रानी के अनन्य भक्त कहे जाने वाले प्रेमानंद महाराज ने हजारों लोगों को उनकी समस्याओं से मुक्ति का मार्ग दिखाया है. लोग उनके बताए मार्ग पर चलकर अपना जीवन जी रहे हैं.
प्रेमानंद महाराज की ख्याति इतनी है कि उनके पैदल यात्रा पर निकलने से पहले लोग उनका दर्शन पाने के लिए एकत्रित होते हैं. हजारों लोग लाइन लगाकर प्रेमानंद का इंतजार करते हैं. प्रेमानंद महाराज अपने आश्रम के लिए निकलते हैं तो उनके सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके शिष्यों और भक्तों के साथ-साथ यहां की स्थानीय पुलिस की भी रहती है. पुलिस के जवान उनके साथ-साथ चलते हैं. कोई अप्रिय घटना ना हो जाए इसके लिए उनके शिष्य माइक लगाकर अन्य लोगों से धैर्य और संयम बनाए रखने की अपील करते रहते हैं.
उनके शिष्य लोगों से संयम बना कर रखने का आग्रह करते हैं जिससे किसी तरह का कोई पैनिक ना क्रिएट हो. प्रेमानंद महाराज तकरीबन 3 किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं. केलिकुंज के लिए वह पैदल रात के 2:00 बजे निकलते हैं जिससे किसी भी व्यक्ति को हानि न हो और परेशानियों का सामना न करना पड़े.
प्रेमानंद महाराज के चरणों की धूल लेने के लिए मच जाती है होड़
बता दें कि जिस प्रकार यहां सभी की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखा गया है वहीं प्रेमानंद महाराज के निकलने के बाद लोग उनके चरणों की धूल अपने माथे पर लगाने के लिए पागल हो जाते हैं. प्रेमानंद महाराज जैसे-जैसे निकलते जाते हैं वैसे-वैसे उनके अनुयाई उनके चरणों की धूल को अपने माथे पर लगाने के लिए एक दूसरे से होड़ करते हैं. हजारों की संख्या में प्रेमानंद महाराज के अनुयाई उनके चरणों का आशीर्वाद लेने के लिए भी आतुर रहते हैं. हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था के चलते यहां किसी भी भक्त को उनके पैर छूने की अनुमति नहीं है.
Mathura,Uttar Pradesh
February 22, 2025, 22:12 IST
