पीसीओएस को नियंत्रित कर सकती है मुलेठी, जानिए क्या हैं इसके फायदे और इस्तेमाल का सही तरीका

पीसीओएस कंट्रोल करने में मुलेठी कारगर साबित होती है। मुलेठी का सेवन करने से शरीर में एण्ड्रोजन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे शरीर में बढ़ने वाली इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर किया जा सकता है।
औषधीय गुणो से भरपूर मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंटस की उच्च मात्रा पाई जाती है। वेटलॉस, स्किन और खांसी जुकाम में फायदेमंद साबित होने के अलावा ये पीसीओएस की समस्या से राहत दिलाने में भी मददगार साबित होती है। महिलाओं में बढ़ने वाली पीसीओएस की समस्या देखते ही देखते गंभीर रूप धारण कर लेती है। इससे पीरियड साइकिल के अनियमित होने के अलावा वेटगेन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मुलेठी के पानी का सेवन करने से इस समस्या से बचा जा सकता है। जानते हैं मुलेठी का सेवन करने से पीसीओएस (mulethi for PCOS) से कैसे मिलती है राहत।
शरीर में क्यों बढ़ने लगती है पीसीओएस की समस्या (Causes of PCOS)
पीसीओएस महिलाओं में पाई जाने वाली एक ऐसी समस्या हार्मोनल असंतुलन के कारण बढ़ने लगती है। इससे पीरियड साइकल पर प्रभाव नज़र आने लगता है। साथ ही इंसुलिन का स्तर बढ़ने लगता है। उच्च इंसुलिन स्तर से शरीर में एण्ड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। दरअसल, अनहेल्दी खानपान से हार्मोन में बदलाव नज़र आता है। आहार में कार्ब्स, वसा, सोडियम और चीनी की उच्च मात्रा बॉडी फंक्शनिंग को प्रभावित करती है और शरीर में कई समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा देती है।
जानते हैं मुलेठी क्यों है खास (Mulethi benefits)
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि मुलेठी का सेवन करने से शरीर में एण्ड्रोजन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। दरअसल, इसे पानी में उबालकर पीने से शरीर में ऐसे एंजाइम को उत्तेजित करने में मदद करता है, जो एण्ड्रोजन को एस्ट्रोजन में परिवर्तित करने में मदद करता है। इससे शरीर में बढ़ने वाली इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।

पीसीओएस कंट्रोल करने के लिए कैसे करें मुलेठी का सेवन (how to use mulethi to control pcos)
एक कप गर्म पानी लेकर उसमें आधा चम्मच मुलेठी का पाउडर मिलाएं और उसका सेवन कर लें। आप चाहें, तो इसमें काली मिर्च और लौंग भी शामिल कर सकते है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है और शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में भी मददगार साबित होती है।
मुलेठी से पीसीओएस को कैसे करें नियंत्रित (Mulethi benefits in PCOS)
1. फर्टिलिटी को बढ़ाने में मददगार
वे महिलाएं जो पीसीओडी से ग्रस्त है, उन्हें मुलेठी लेने की सलाह दी जाती है। इससे महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करके गर्भधारण यानि कंसीव करने की संभावना को बढ़ा सकती है। इसके लिए खाली पेट मुलेठी ड्रिंक का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
2. पीरियड के दौरान ऐंठन की समस्या से छुटकारा
मुलेठी में एंटीस्पास्मोडिक गुण पाए जाते हैं। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और यूटरिन कान्टरेक्शन कम होने गलती है। इसमें मौजूद एस्ट्रोजन की प्रॉपर्टीज़ हार्मोन को संतुलित करने क्रैम्प को दूर करने में मददगार साबित होता है।

3. एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर
मुलेठी का सेवन करने से एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती है। मुलेठी में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेन का स्तर शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस को नियंत्रित करता हैं। साथ ही शरीर में ब्लड का फ्लो नियमित बना रहता है। मुलेठी को चूसकर या पाउडर के रूप में पानी में एबालकर या चाय में मिलाकर पी सकते हैं।
4. इम्यून सिस्टम को करे बूस्ट
मुलेठी में मौजूद कंपाउड की मदद से शरीर में लिम्फोसाइट्स की मात्रा बढ़ती है, जिससे शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण, एलर्जी आरै पॉल्यूटेंट्स का खतरा कम होने लगता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आने लगता है और ऑटो इम्यून डिज़ीज़ का खतरा भी कम होने लगता है।
5. मूड स्विंग और अनिद्रा से राहत
मुलेठी को लिकोराइस रूट भी कहा जाता है। इसमें मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेनिक गुणों की मदद से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के चलते बढ़ने वाली अनिद्रा और मूड स्विंग की समस्या को दूर करने में भी मददगार साबित होती है। मुलेठी का पानी में उबालकर चाय के रूप में पीने से भी शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है।
