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पढ़ाई बीच में छूटी, जेब थी खाली… लेकिन कराटे के जुनून ने इस शख्स को बना दिया..

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फिरोजाबाद के जयप्रकाश राजपूत ने गरीबी और संघर्षों के बावजूद कराटे में महारत हासिल की और 4,000 से ज्यादा बच्चों को ट्रेनिंग दी है. उन्होंने 1994 में कराटे क्लास शुरू की और कई राष्ट्रीय मेडल जीते हैं.

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बच्चों को कराटे सिखाते कोच जयप्रकाश राजपूत. 

हाइलाइट्स

  • जयप्रकाश राजपूत ने 4,000 से ज्यादा बच्चों को कराटे सिखाया
  • 1994 में जयप्रकाश ने कराटे क्लास शुरू की
  • जयप्रकाश ने कई राष्ट्रीय मेडल जीते हैं

फिरोजाबाद: गरीबी और संसाधनों की कमी ने भले ही कई लोगों के सपनों को तोड़ दिया हो, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो हालातों से हार मानने के बजाय अपनी तकदीर खुद लिखते हैं. फिरोजाबाद के एक छोटे से गांव में रहने वाले जयप्रकाश राजपूत भी ऐसे ही शख्स हैं, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने हुनर को कमाई का जरिया बना लिया. कभी खुद कराटे सीखने के लिए 20 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाते थे, और आज हजारों बच्चों को इस कला में निपुण बना चुके हैं. उनकी ये प्रेरणादायक कहानी हर उस इंसान के लिए सबक है, जो मुश्किलों से घबराकर अपने सपनों को अधूरा छोड़ देता है.
फिरोजाबाद के एक गांव में रहने वाले इस कराटे कोच की कहानी संघर्षों से भरी हुई है. पढ़ाई के दौरान ही कराटे के प्रति उनकी दीवानगी बढ़ती गई. उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और गोल्ड मेडल भी जीते. अब वही हुनर उनकी कमाई का जरिया बन गया है. वह अब तक हजारों बच्चों को कराटे की ट्रेनिंग दे चुके हैं.

रोजाना 20 किलोमीटर साइकिल चलाकर पूरा किया सपना
फिरोजाबाद के छोटे से गांव आकलपुर में रहने वाले कराटे कोच जयप्रकाश राजपूत ने लोकल 18 से बातचीत में अपने संघर्षों को साझा किया. उन्होंने बताया कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता खेती का काम संभालते थे, और उन्हें भी पिता का हाथ बंटाना पड़ा. लेकिन कराटे सीखने की उनकी इच्छा इतनी मजबूत थी कि उन्होंने अपने पिता से इसके लिए आग्रह किया. हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण पिता ने इसकी परमिशन नहीं दी.
हाईस्कूल पास करने के बाद, जयप्रकाश ने शिकोहाबाद में कराटे क्लास में दाखिला ले लिया. घर से कराटे क्लास तक का 20 किलोमीटर का सफर वह रोजाना साइकिल से तय करते थे. उस समय उन्हें 400 रुपये महीने की फीस भी देनी पड़ती थी. तमाम संघर्षों के बाद उन्होंने ब्लैक बेल्ट हासिल की और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर मेडल भी जीते.

अब तक 4,000 से ज्यादा बच्चों को सिखा चुके कराटे
फिरोजाबाद के भारत डीडी सिनेमा के सामने अपनी कराटे क्लास चलाने वाले जयप्रकाश राजपूत ने बताया कि उन्होंने साल 1994 में अपनी कराटे क्लास की शुरुआत की थी. तब वह बच्चों से 100 रुपये फीस लेते थे, लेकिन अब 250 रुपये फीस लेते हैं. उनकी क्लास में हर दिन 40 से 100 बच्चे कराटे सीखने आते हैं.
अब तक वह 4,000 से ज्यादा बच्चों को कराटे की ट्रेनिंग दे चुके हैं. उनके सिखाए हुए कई स्टूडेंट्स न सिर्फ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर आत्मरक्षा करने में भी सक्षम हैं. जयप्रकाश अपने छात्रों को नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं के लिए भी तैयार कर रहे हैं, ताकि वे आगे चलकर अपने करियर में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकें.

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