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थायराइड को जड़ से खत्म! 1 महीने तक इन हरी पत्तियों का करें सेवन

Agency:News18 Jharkhand

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Moringa Ke Fayde: थायराइड की समस्या अब आम हो गई है, लेकिन इसका प्राकृतिक इलाज हो सकता है. आयुर्वेदिक गुणों से लैस ये हरी पत्तियां थायराइड में चमत्कारी फायदे देती हैं.

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कहीं आप भी तो नहीं हैं थायराइड के शिकार, यदि हैं तो भी घबराएं नहीं ,इस चमत्कारी

हाइलाइट्स

  • मोरिंगा थायराइड के इलाज में लाभदायक है.
  • मोरिंगा हड्डियों को मजबूत और डायबिटीज में फायदेमंद है.
  • नियमित सेवन से थायराइड को 1 महीने में नियंत्रित किया जा सकता है.

गुमला. आज के इस आधुनिक दौर में थायराइड एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनकर उभरी है. आजकल महिलाएं हों या पुरुष दोनों में ये समस्या आम हो गई है. यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब थायराइड ग्रंथि उचित मात्रा में हार्मोन का निर्माण नहीं करती है या अधिक मात्रा में हार्मोन का निर्माण करती है. यदि इसका समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह वजन बढ़ने, थकान, बाल झड़ने और अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. प्राकृतिक रूप से थायराइड का इलाज करने में मोरिंगा काफी लाभदायक साबित हो सकता है. यहां तक की थायराइड की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है. यह उपाय न केवल सुरक्षित है, बल्कि बेहद प्रभावी भी है और कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होता है. मोरिंगा को आयुर्वेद में एक चमत्कारी औषधि के रूप में जाना जाता है. इसकी पत्तियां, फल, और छाल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. मोरिंगा में विटामिन ए, सी, कैल्शियम, पोटैशियम, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ पंकज कुमार ने लोकल 18 को बताया कि मोरिंगा एक औषधीय पौधा है, जिसे लोकल भाषा में मूंगा या सहजन के नाम से भी जाना जाता है. और इस पौधे का छाल हो ,फल , फुल , पत्ती हो या रूट (जड़) ये पांचों चीजें जो है औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसमें मिनरल्स, मल्टीविटामिन , कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट्स आदि सारी चीजें पाई जाती है और एंटी इम्फ्लेमेटरी गुण बहुत ज्यादा मात्रा में पाई जाती है. मोरिंगा में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो थायराइड ग्रंथि के कार्य को सामान्य करने में सहायक होते हैं.इसके सेवन से हाइपोथायराइड (थायराइड हार्मोन की कमी) और हाइपरथायराइड (थायराइड हार्मोन की अधिकता) दोनों ही स्थितियों में फायदेमंद हैं. इसके साथ ही थायराइड के कंडीशन में मोरिंगा के साथ में यदि कचनार जिसे लोकल भाषा में गुलमार्ग कहते हैं .

इसके छाल,फल, फूल एवं पतियों का भी प्रयोग लाभकारी होता है. इसका काढ़ा बनाकर पिएं या इसका टैबलेट बनाकर भी सेवन कर सकते हैं और कम से कम 1 महीने नियमित रूप से सेवन करते हैं. इसके साथ में व्यायाम, योग आदि करते हैं, तो थायराइड को 1 महीने के आसपास में कंट्रोल कर सकते हैं. इन औषधियों के प्रयोग से थायराइड में जो हार्मोन का सिक्रेशन होता है वो प्रॉपर रूप से होने लगता है . मोरिंगा के साथ में हमलोग पुनर्नवा का भी प्रयोग करें, पुनर्नवा का भी सेवन करने से इसके इन्फ्लामेशन में कमी आती है.और इसके सेवन से अपने शेप में शीघ्र आता है.पुनर्नवा का जड़ हो ,पत्ती हो तना हो किसी भी रूप में इसका प्रयोग कर सकते हैं

मोरिंगा कई बीमारियों के इलाज में भी है कारगर – 
मोरिंगा इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. हड्डियों को मजबूत करता है. साथ ही डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है, यह खून को भी साफ करता है.

निःशुल्क परामर्श 
स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप गुमला शहर के जशपुर रोड ,स्टेडियम कॉम्प्लेक्स में स्थित पंकज क्लिनिक में निशुल्क परामर्श के लिए संपर्क कर सकते हैं और मोबाइल नंबर 8292742573 पर भी संपर्क कर सकते हैं.

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थायराइड को जड़ से खत्म! 1 महीने तक इन हरी पत्तियों का करें सेवन

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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