'जब से वो आई, जिंदगी नरक बन गई', 1 हसीना की एंट्री और तबाह हो गया परिवार

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आपने वो गाना तो सुना होगा, ‘जाने वो कैसे लोग थे, जिनके प्यार को प्यार मिला’. यह गीत उस सुपरस्टार की जिंदगी पर भी सटीक बैठता है. लगता है जैसे ये उनके जीवन पर ही लिखा गया हो. आज हम आपको दिग्गज एक्टर का वो सच बत…और पढ़ें

एक्ट्रेस ने 1956 में फिल्मी डेब्यू किया था.
हाइलाइट्स
- ये एक्टर सिनेमा को सलीका सिखाने वाले थे.
- बचपन से ही ये एक्टर काफी जिद्दी थे.
- शादीशुदा होने के बाद हसीना से दिल लगाया और फिर सब खो बैठे.
नई दिल्ली. बॉलीवुड में एक्टर और एक्ट्रेस के बीच अफेयर कोई नई बात नहीं है. दिलीप कुमार-मधुबाला, अमिताभ बच्चन-रेखा, सलमान खान-ऐश्वर्या राय, रणबीर कपूर-दीपिका पादुकोण जैसे न जाने कितने नाम हैं, जिनके किस्से गॉसिप्स बने. लेकिन आज हम एक ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने एक से बड़कर एक सुपरहिट फिल्में दीं. सिनेमा को अपना पूरा जीवन देने वाले इस एक्टर की जिंदगी में एक ऐसी लड़की आई, जिसके बाद उनके परिवार के लिए जिंदगी नरक से कम नहीं हुई. इस लड़की के प्यार में यह पूरी तरह तबाह हो गए और फिर न तो प्यार मिला और न ही परिवार.
गुरु दत्त हिंदी सिनेमा के बड़े नामों में से एक हैं. गुरु दत्त 50 और 60 के दशक के मशहूर अभिनेता, निर्माता और निर्देशक थे. उन्होंने कोरियोग्राफी के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवाया. गुरु दत्त ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर कोरियोग्राफर ही की थी. फिर उन्होंने अभिनय में हाथ आजमाए और निर्देशन की दुनिया में कदम रखे.
क्या था गुरु दत्त का असली नाम
उनका असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था. गुरु दत्त का जन्म बेहद गरीबी में बीता था. पढ़ाई में अच्छे होने के बावजूद 10वीं के बाद वो आगे नहीं पढ़ सके, क्योंकि उतने पैसे उनके परिवार के पास नहीं थे.

गुरु दत्त ने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए टेलीफ़ोन ऑपरेटर का काम किया था. फोटो साभार@IMDb
कोरियोग्राफर के तौर पर शुरू किया करियर
संगीत और कला में रुचि होने के चलते गुरु दत्त ने अपनी प्रतिभा से स्कॉलरशिप हासिल की और उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर में दाखिला ले लिया, जहां से उन्होंने डांस सीखा. डांस सीखने के बाद गुरु दत्त को पुणे के प्रभात स्टूडियो में बतौर कोरियोग्राफर काम करने का मौका मिला. साल 1946 में गुरुदत्त ने प्रभात स्टूडियो की एक फिल्म ‘हम एक हैं’ से बतौर कोरियोग्राफर अपना फिल्मी करियर शुरू किया.
शादीशुदा गुरुदत्त की एक्ट्रेस से बढ़ने लगी थी नजदीकियां
साल 1953 में गुरुदत्त की शादी गीता से हुई थी. हालांकि, महज चार साल बाद कुछ ऐसा हुआ कि गुरु दत्त की जिंदगी बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई. कहा जाता है कि गुरु दत्त की करीबी वहीदा रहमान से बढ़ीं और इस वजह से उनके और गीता दत्त के झगड़े शुरू हो गए. झगड़े इतने बढ़े कि शादी टूट गई.
वहीदा के लिए पागल थे गुरु दत्त
दरअसल, साल 1957 में गुरु दत्त वहीदा रहमान को पसंद करने लगे. आलम ऐसा था कि उन्हें वहीदा रहमान के अलावा कुछ दिखता ही नहीं था. वह अपने परिवार को भी भूलने लगे थे. इसके चलते उनके और उनकी पत्नी के बीच दूरियां आनी शुरू हो गईं. पत्नी गीता इसे लेकर बेहद दुखी थीं लेकिन कुछ कर नहीं पा रहीं थीं.

एक्ट्रा मेरिटल अफेयर के चक्कर में गुरु दत्त ही नहीं उनकी पत्नी और बच्चों का भी भविष्य खराब हो गया था.
गुरु दत्त को रंगे हाथों पकड़ने के लिए गीता दत्त ने बिछाया था जाल
गुरु दत्त वहीदा रहमान को दीवानों की तरह चाहते थे. उन्होंने ही वहीदा को साल 1956 में आई फिल्म ‘सीआईडी’ में काम दिलवाया था. इस फिल्म के बाद वहीदा रहमान गुरु दत्त के साथ ही ‘प्यासा’ में दिखाई दीं. यह फिल्म भारतीय सिने इतिहास में अलग दर्जा रखती है. फिल्म की शूटिंग के दौरान की दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी और उनके इश्क के चर्चे आम हो गए. जब यह बात गीता दत्त को पता चली तो गुरु दत्त के जिंदगी में उथल पुथल मच गई. एक बार गुरु दत्त को रंगे हाथों पकड़ने के लिए गीता दत्त ने जाल बिछाया. एक दिन गुरु दत्त के पास वहीदा रहमान के नाम से खत पहुंचा जिसमें लिखा था ‘मैं आपसे बात करना चाहती हूं, सुध-बुध खो चुकी हूं, न जाने आपने क्या कर दिया.’ खत के आखिर में मिलने का बुलावा था. गुरु दत्त इस खत को पढ़कर हैरान हुए क्योंकि वह दिन वहीदा से सेट पर मिलते थे. उन्होंने अपने दोस्त और फिल्म राइटर अबरार अलवी से इस मसले पर चर्चा की. अबरार पहली ही नजर में भांप गए कि यह खत वहीदा ने नहीं लिखा. खत का सच पता करने के लिए तय समय पर गुरु दत्त और अबरार नरीमन प्वाइंट पहुंचे. थोड़ी देर में एक कार से गीता दत्त और उनकी दोस्त उतरीं. इस वाकये से गुरु दत्त बेहद खफा हो गए और उन्होंने गीता पर हाथ भी उठा दिया. इस घटना के बाद दोनों अलग हो गए.
जब पत्नी ने बता दिया जिंदगी को नर्क
गीता पत्नी होने के नाते गुरु दत्त का साथ तो निभा रही थीं, लेकिन वह बेहद खफा थीं. गुरु दत्त की जिंदगी पर लिखी किताब ‘गुरुदत्त द अनसेटिसफाइड स्टोरी’ के लेखक यासिर उस्मान के मुताबिक, गीता ने वहीदा पर एक बार जमकर भड़ास निकाली थी. उन्होंने कहा, ‘जबसे वहीदा हमारी जिंदगी में आई है, तबसे हमारी जिंदगी नर्क हो गई है’ और यहीं से गुरु दत्त के परिवार के टूटने की शुरुआत हो गई थी.
पत्नी से टूटा रिश्ता तो बर्बाद होने लगे गुरु दत्त
गुरु दत्त की जिंदगी के किस्से इतने फैले कि हर दर्शक उनके बारे में ही बात करता था. चर्चा तो यहां तक थी कि गुरु दत्त ने वहीदा के लिए अपना धर्म तक बदल लिया और उनसे निकाह कर लिया. हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं करता. रिश्तों मे वो इतना उलझे कि सिगरेट, शराब और नींद की गोलियों की लत लग गई और वह बर्बाद होने लगे.

वहीदा रहमान के साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है.
वहीदा ने बना ली थी दूरी
उधर, गुरु दत्त की पारिवारिक जिंदगी में जहर घुल रहा था तो वहीदा ने भी उनसे दूरी बना ली थी. ऐसे में अब गुरु दत्त बेहद अकेले पड़ गए थे और बीमारियों की चपेट में भी आने लगे थे. बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो, 9 अक्टूबर को गुरु दत्त के दोस्त अबरार उनसे मिलने उनके घर पहुंचे. इस दौरान गुरु दत्त शराब पी रहे थे. उनकी फोन पर पत्नी गीता से बात हुई तो वह बेटी से मिलना चाह रहे थे. नशे की हालत में गीता बेटी को उनके पास भेजने से इनकार कर रहीं थीं. इस दौरान गुरु दत्त ने नशे में ही बोला, ‘अगर बेटी को मेरे पास नहीं भेजा तो मेरा मरा मुंह देखोगी’. देर रात अबरार वहां से अपने घर चले गए.
खत्म कर ली थी जिंदगी!
दूसरे दिन दोपहर को उनके पास कॉल आया कि गुरु दत्त की हालात बेहद खराब है. अबरार वहां पहुंचे तो देखा कि गुरु दत्त कुर्ता पायजामा पहने पलंग पर लेटे थे. उनकी मेज पर एक गिलास रखा था और उसमें गुलाबी तरल पदार्थ था. अबरार के मुंह से अचानक निकला, गुरु दत्त ने खुद को मार लिया है. लोगों ने जब उनसे पूछा कि आपको कैसे पता, तो उन्होंने कहा कि गुरु दत्त अक्सर खुद को मारने की बातें करते थे.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
February 15, 2025, 04:02 IST
