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छोटी जगह में भरपूर हरियाली चाहिए तो अपनाएं गार्डनिंग की ये तकनीक, लागत भी कम

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Dehradun: कम जगह पर भी गार्डनिंग करना चाहते हैं तो वर्टिकल गार्डनिंग एक बेहतरीन ऑप्शन है. इसे करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन-कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए, आइये जानते हैं.

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वर्टिकल

वर्टिकल गार्डनिंग के लिए ये टिप्स हैं खास

हाइलाइट्स

  • वर्टिकल गार्डनिंग कम जगह में गार्डनिंग का बेहतरीन तरीका है.
  • यह तकनीक छोटे घरों और फ्लैट्स के लिए उपयुक्त है.
  • सही धूप, हवा और मिट्टी का ध्यान रखें.

देहरादून: जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे हर चीज की तकनीक में बदलाव देखने को मिल रहा है. गार्डनिंग का शौक रखने वालों के लिए यह खबर बेहद खास है. अगर आपके पास घर में गार्डनिंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं है तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है. एक ऐसी तकनीक मौजूद है, जो आपके घर की दीवारों को ही हरे-भरे गार्डन में तब्दील कर सकती है. वर्टिकल गार्डनिंग उन्हीं तकनीकों में से एक है, जो मौजूदा समय में बड़े महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में की जाती है. अब वर्टिकल गार्डनिंग का क्रेज़ कई छोटे शहरों में भी देखा जाने लगा है.

क्या है वर्टिकल गार्डनिंग?
लोकल18 ने एक्सपर्ट होशियार सिंह से बातचीत की और जाना कि यह तकनीक कितनी कारगर है. उन्होंने बताया कि वर्टिकल गार्डनिंग (Vertical Gardening) एक आधुनिक बागवानी तकनीक है, जिसमें पौधों को दीवारों, ग्रिल, स्टैंड या वर्टिकल स्ट्रक्चर पर लगाया जाता है. यह कम जगह में गार्डनिंग करने का एक बेहतरीन तरीका है और इसे ग्रीन वॉल (Green Wall) या लिविंग वॉल भी कहा जाता है.

वर्टिकल गार्डनिंग के फायदे
वर्टिकल गार्डनिंग छोटे घरों, फ्लैट्स और अपार्टमेंट्स में बागवानी के लिए एक शानदार विकल्प है, क्योंकि यह स्पेस सेविंग होती है और कम जगह में भी हरियाली बनाए रखना संभव बनाती है. यह सिर्फ उपयोगी ही नहीं, बल्कि एस्थेटिक अपील भी बढ़ाती है, जिससे घर, ऑफिस और बालकनी की सुंदरता में निखार आता है. इसके अलावा, वर्टिकल गार्डनिंग से बेहतर एयर क्वालिटी मिलती है, क्योंकि पौधे हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं और पर्यावरण को अधिक हरा-भरा बनाते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि यह कम मेंटेनेंस वाली तकनीक है.

सही स्थान का चयन
ऐसी जगह को चुनें जहां पौधों को पर्याप्त धूप और हवा मिल सके. इंडोर गार्डन के लिए ग्रो लाइट्स का उपयोग किया जा सकता है. बालकनी, छत, लिविंग रूम या दीवारों को गार्डनिंग के लिए उपयुक्त बनाया जा सकता है.

मजबूत फ्रेम या स्ट्रक्चर का चयन
वर्टिकल गार्डन के लिए लकड़ी, मेटल ग्रिल, प्लास्टिक पैनल या वॉल माउंटेड पॉट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. वॉटरप्रूफ बैकिंग लगाकर दीवार को नमी से बचाना चाहिए. सही पौधों का चयन करना भी बेहद आवश्यक है. इसके अलावा, मुरझाए हुए पत्तों को नियमित रूप से हटाते रहें और पौधों की सही ग्रोथ के लिए समय-समय पर छंटाई करें.

मिट्टी और खाद का सही उपयोग
हल्की और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी का इस्तेमाल करें. कोकोपीट, वर्मीकम्पोस्ट और जैविक खाद डालें ताकि मिट्टी उपजाऊ बनी रहे. सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाएं ताकि पानी पौधों की जड़ों तक सही मात्रा में पहुंचे. स्प्रे बोतल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, खासतौर पर इनडोर प्लांट्स के लिए. ध्यान रखें कि अधिक पानी न दें, वरना पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं.

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