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गेहूं की बाली आने से पहले किसान जरूर करें ये उपाय…इस चीज का करें छिड़काव

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Wheat Farming Agri Tips: गेंहू की खेती करते वक्त सही टिप्स को फॉलो किया जाए तो खूब कमाई होती है. कृषि विशेषज्ञ ने लोकल 18 से बात करते हुए इस बारे में विस्तार से बताया.

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गेहूं

गेहूं की फसल से अधिक पैदावार 

हाइलाइट्स

  • गेहूं की फसल में सिंचाई और पोषक तत्वों का छिड़काव करें.
  • रोग और कीट से बचाव के लिए कीटनाशक या जैविक उपाय अपनाएं.
  • सही देखभाल से गेहूं की पैदावार बढ़ेगी और नुकसान कम होगा.

Wheat Farming Agri Tips: फरवरी माह बीतने को है. यह समय गेहूं की फसल के लिए बेहद नाजुक समय माना जाता है . गेहूं की अगेती किस्म हो या पछेती किस्म हो दोनों ही किस्म की गेहूं फसल में दाने आना शुरू हो गए हैं. यह समय गेहूं की फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है. यदि इस दौरान किसान जरा सी भी चुप करते हैं तो उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए जरूरी है कि इस दौरान किसान गेहूं की फसल का अच्छी तरह से देखभाल करें.

कृषि विशेषज्ञ से लोकल 18 ने बात की. गेहूं में दाने यानी कि बाली आने पर फसल की किस तरह देखभाल करनी चाहिए.

गेहूं की खेती
राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा (बीएससी एग्रीकल्चर डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद)  बताते हैं कि गेहूं की फसल में जब दाने बन रहे हो यानी की बालियां निकलना शुरू हो जाए. तो किसान ध्यान दें कि इस दौरान उन्हें फसल की सिंचाई करना बेहद जरूरी होता है.

इसके बाद बाली में गेहूं के दानों को भरने की अवस्था में दूसरी सिंचाई के साथ ही नाइट्रोजन ,फास्फोरस व पोटाश की संतुलित मात्रा के साथ सल्फर, जिंक का खेतों में छिड़काव करें. जिससे पौधे को सूक्ष्म पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिल जाए. इसी के साथ यदि किसान सल्फर या पोटाश का घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करते हैं. तो दाने का वजन बढ़ जाएगा. जिसका सीधा असर गेहूं के उत्पादन पर पड़ता है.

रोग एवं कीट से बचाने के लिए करें ये उपाय
वह बताते हैं कि गेहूं की फसल में बाली आने के दौरान रोग एवं कीट लगने का भी खतरा भी बढ़ जाता है. गेहूं की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग में झुलसा रोग, करनाल बंट और माहू कीट का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए किसान इस दौरान अपने खेतों में कीटनाशक का छिड़काव भी करें.

इसे भी पढ़ें – किसानों को मौज! बिना पानी उग जाता है ये जादुई खीरा, बिकता है 100 रुपये किलो, कई राज्यों में डिमांड

साथ ही वह बताते हैं कि जो किसान जैविक खेती करते हैं. वह किसान नीम का तेल या ट्राइकोडर्मा का उपयोग कर अपने फसल को रोग एवं कीट से बचाव कर सकते हैं. इस तरह से किसान गेहूं की फसल का ख्याल रखें.तो उन्हें अधिक पैदावार के साथ ही किसी भी प्रकार के नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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