गांव-देहात में रहने वालों के लिए बढ़िया काम, कमजोर वर्ग को धनवान बनाएगा SEBI

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250 Rupees Mutual Fund SIP : सेबी ने छोटे निवेशकों के लिए 250 रुपये की SIP योजना का प्रस्ताव रखा है, जिससे म्यूचुअल फंड निवेश का दायरा बढ़ेगा. यह योजना दूर-दराज के और कम आय वर्ग वाले लोगों को निवेश करने का मौका…और पढ़ें

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250 Rupees Mutual Fund SIP : आजकल लगभग हर चीज की पैकिंग दो तरह से होती है, एक बड़ा पैक और दूसरा सैशे (Sache). खासकर शैंपू और क्रीम इत्यादी में आपने ऐसा ही देखा होगा. अब जल्द ही आपको म्यूचुअल फंड्स का भी सैशे पैक देखने को मिल सकता है. सैशे पैक से मतलब है कि काफी छोटी रकम में निवेश करना. इतना छोटा कि यदि आप महीने के 250 रुपये भी म्यूचुअल फंड्स में डालना चाहें तो डाल सकते हैं. अभी तक कई म्यूचुअल फंड्स ऐसे हैं, जिनमें न्यूनतम 1000 रुपये, या 2500 रुपये या फिर 5000 रुपये तक की SIP हो सकती है.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ‘म्यूचुअल फंड के सैशेटाइजेशन’ पर एक परामर्श पत्र जारी किया है. इसका मकसद कम आय वर्ग और छोटे निवेशकों को म्यूचुअल फंड में भागीदारी का अवसर प्रदान करना है. इस प्रस्ताव के तहत निवेशकों को सिर्फ 250 रुपये प्रति माह की सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा दी जाएगी. यह योजना न केवल निवेशकों को छोटे-छोटे निवेश के जरिए बड़ी बचत का रास्ता दिखाएगी, बल्कि उनके वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को भी बढ़ावा देगी.
सेबी के इस परामर्श पत्र में सुझाव दिया गया है कि 250 रुपये की यह छोटी एसआईपी किसी भी योजना में की जा सकती है, सिवाय कुछ खास योजनाओं के, जैसे डेट स्कीम्स, सेक्टोरल और थीमैटिक स्कीम्स, और इक्विटी श्रेणी की स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्कीम्स. वर्तमान में कुछ एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) छोटे टिकट साइज वाली SIP ऑफर करती हैं, लेकिन इस नई योजना से इसे और सुव्यवस्थित तरीके से लागू किया जाएगा.
सेबी का कहना है कि यह ‘सैशेटाइजेशन’ निवेशकों को नियमित रूप से छोटे निवेश के लिए प्रेरित करेगा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाएगा. साथ ही, इससे म्यूचुअल फंड कंपनियों को देश के दूर-दराज के इलाकों तक अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी.
एक साथ तीन एसआईपी की परमिशन
इस योजना के तहत, निवेशक तीन अलग-अलग एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) में 250 रुपये की 3 एसआईपी शुरू कर सकते हैं. हालांकि, इंटरमीडियरी द्वारा दी जाने वाली छूट केवल इन 3 एसआईपी तक सीमित रहेगी. तीन एसआईपी के बाद भी कंपनियां 250 रुपये की SIP की सुविधा दे सकती हैं, लेकिन वह छूट लागू नहीं होगी.
सेबी ने यह भी सुझाव दिया है कि छोटे टिकट वाली एसआईपी के भुगतान के लिए केवल नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ऑटोपे मोड का उपयोग किया जाए.
कहां से लिया जाएगा खर्च?
छोटे टिकट वाले SIP के लिए स्कीम द्वारा किए गए केवाईसी खर्च की भरपाई AMC द्वारा निवेशकों को शिक्षित करने और जागरूक करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीमों से 1 बेसिस प्वाइंट (bps) चार्ज करके एकत्रित किए गए फंड से की जा सकती है. नियामक सेबी ने कहा कि छोटे टिकट वाले SIP के लिए वितरक/एक्जीक्यूशन ओनली प्लेटफॉर्म (ईओपी) को 500 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. यह प्रोत्साहन AMC द्वारा डिस्ट्रीब्यूटर को दिए जाने वाले कमीशन से अलग होना चाहिए. सेबी का अनुमान है कि यह योजना एएमसी के लिए दो वर्षों के भीतर लाभदायक साबित होगी.
वैसे भी खूब बढ़ रही म्यूचुअल फंड्स में भागीदारी
बता दें कि 2014 से लेकर अब तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 10 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 68 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. साथ ही, म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले अनूठे निवेशकों की संख्या भी 1.7 करोड़ से बढ़कर 5.18 करोड़ हो गई है.
हालांकि, इस बढ़त के बावजूद सेबी ने महसूस किया कि म्यूचुअल फंड को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना संभव है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह नई योजना पेश की गई है, ताकि हर व्यक्ति इस वित्तीय उत्पाद का लाभ उठा सके. सेबी ने इस परामर्श पत्र पर सार्वजनिक सुझाव मांगे हैं, जिसकी अंतिम तिथि 6 फरवरी तय की गई है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
January 23, 2025, 12:59 IST
