कलयुग के नटखट लड्डू गोपाल सिवनी सरकार, भक्तों के हाथों लगाते हैं भोग!

Agency:News18 Rajasthan
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नटखट रासलीलाओं के कारण भगवान श्री कृष्ण को कोई नटखट बाल गोपाल कहता है, तो कोई उन्हें माखन चोर भी कहता है. लेकिन लोकल 18 आज आपको कलयुग के साक्षात नटखट बाल गोपाल से मिलवाने जा रहा है.

कलयुग के चमत्कारी लड्डू गोपाल
हाइलाइट्स
- सिवनी के लड्डू गोपाल भक्तों के हाथ से दूध पीते हैं.
- यह चमत्कारी प्रतिमा हमेशा भ्रमण पर रहती है.
- प्रतिमा का वजन घटता-बढ़ता रहता है.
करौली:- हिंदू धर्म में श्री कृष्ण को नटखट, बाल गोपाल कहा जाता है. यही नहीं, श्री कृष्ण को अधिकांश घरों में लड्डू गोपाल के रूप में देशभर में पूजा जाता है. जिस घर में भी लड्डू गोपाल विराजमान रहते हैं, वहां उनका ख्याल एकदम छोटे बच्चें की तरह रखा जाता है. नटखट रासलीलाओं के कारण भगवान श्री कृष्ण को कोई नटखट बाल गोपाल कहता है, तो कोई उन्हें माखन चोर भी कहता है. लेकिन लोकल 18 आज आपको कलयुग के साक्षात नटखट बाल गोपाल से मिलवाने जा रहा है.
बाल रूप में चमत्कारी प्रतिमा
वीडियो में आप जिन लड्डू गोपाल की बाल रूप में चमत्कारी प्रतिमा को देख रहे हैं, उन्हें सिवनी के सरकार कहा जाता है. शायद ही ऐसी प्रतिमा कहीं और देखने को नहीं मिल सकती है. वह इसलिए क्योंकि यह प्रतिमा साक्षात भक्तों के हाथों से दुग्ध पान करती है. इस प्रतिमा को कृष्ण भक्त नटखट माखन चोर, दूध पीने वाले लड्डू गोपाल और सिवनी के सरकार के नाम से पुकारते हैं. लोगों का दावा है कि ये चमत्कारी लड्डू गोपाल दूध भी पीते हैं, मक्खन भी खाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को भी दर्शन मात्र से पूरी कर देते हैं.
इस चमत्कारी प्रतिमा की खास बात यह है कि यह प्रतिमा एक जगह नहीं रुकती है. यह चमत्कारी लड्डू गोपाल हमेशा भ्रमण पर ही रहते हैं. यह प्रतिमा पूरी तरह से अष्टधातु से बनी हुई है और कई साल पुरानी बताई जाती है. दूसरी खास बात यह है कि इस प्रतिमा का वजन भी घटता – बढ़ता रहता है. नए साल के मौके पर दूध पीने वाले लड्डू गोपाल की यह प्रतिमा राजस्थान की धर्म नगरी करौली में भी भ्रमण कर चुकी है. यहां भी इस प्रतिमा ने भक्तों से दुग्ध पान किया था और कई तरह के चमत्कार दिखाए थे, जिन्हें देखकर करौलीवासी एक बार तो हैरान रह गए.
प्रत्यक्ष रूप से प्रतिमा को देखते ही भक्त हो जाते हैरान
करौली के स्थानीय निवासी और वरिष्ठ अध्यापक तुलसीदास मुद्गल का कहना है कि इस प्रतिमा को देखकर हर कोई विस्मित सा रह जाता है. यह प्रतिमा किसी चमत्कारी प्रतिमा से कम नहीं है. हमारे धर्म ग्रंथो भी इस तरह के कहानी और किस्सों से भरे पड़े हैं. हमारे धर्म ग्रंथो में भी इस तरह के अजूबे और विस्मय में डालने वाली वस्तुओं का वर्णन मिलता है. लेकिन इस प्रतिमा को देखकर प्रतीत होता है कि आज के घोर कलयुग में भी एक ऐसी प्रतिमा मौजूद है, जो साक्षात दुग्ध पान करती है और भोजन भी करती है. मुद्गल का कहना है कि इस प्रतिमा को देखकर प्रतीत होता है कि हमारे शास्त्रों में जो भी घटनाएं हैं, वह सारी सत्य है. ऐसी घटनाओं से हमें, हमारे धर्म के प्रति श्रद्धा और विश्वास भी और ज्यादा हो जाता है.
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भाव के भूखे हैं यह नटखट लड्डू गोपाल
भक्त Local 18 को बताते हैं कि यह नटखट लड्डू गोपाल भाव के भूखे हैं. जो भी इन्हें सच्चे मन से कुछ खिलाता है, उसे वह स्वीकार कर लेते हैं. चाहे फिर वह दूध हो या माखन- मिश्री हो. भक्तों का कहना है कि यह लड्डू गोपाल चाय पीने के भी शौकीन है. कई बार जब भक्तों के हाथ से भेज दूध नहीं पीते हैं, तो चाय को एक बार में ही पी लेते हैं. इनके भक्तों के पास कई ऐसी तस्वीर भी है, जिनमें यह लड्डू गोपाल मुंह खोलकर लड्डू खाते भी दिखाई दे रहे हैं.
Karauli,Rajasthan
February 10, 2025, 16:52 IST
